गले में खराश और बलगम: एक आम पर गंभीर समस्या

सर्दी के मौसम में या मौसम बदलते समय गले में खराश और बलगम की शिकायत आम हो जाती है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये दोनों समस्याएं एक-दूसरे से जुड़ी कैसे हैं? गले में खराश सिर्फ एक संक्रमण का संकेत नहीं होती, यह आपके शरीर में हो रही कई आंतरिक गतिविधियों का परिणाम भी हो सकती है।

गले में खराश क्यों होती है?

गले में चुभन, जलन या दर्द को आमतौर पर “गले में खराश” कहा जाता है। यह समस्या अधिकतर वायरस से फैलने वाली सर्दी या फ्लू के कारण होती है। जब गले में संक्रमण होता है, तो वहां सूजन आ जाती है जिससे निगलने और बोलने में परेशानी होने लगती है। कुछ मामलों में यह बैक्टीरियल संक्रमण, जैसे कि स्ट्रेप थ्रोट, के कारण भी हो सकता है जिसे एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत होती है।

इसके अलावा गले की खराश का संबंध एलर्जी, धुएं, प्रदूषण, बहुत ज़्यादा बोलने या तेज आवाज़ में चिल्लाने से भी हो सकता है। कभी-कभी एसिड रिफ्लक्स या टॉन्सिल्स में सूजन भी इसके पीछे की वजह बनती है।

बलगम क्यों बनता है?

हमारे शरीर में बलगम बनना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह हमारी श्वसन नलियों की सुरक्षा करता है और हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है। आमतौर पर हम इसे निगल जाते हैं, लेकिन जब यह मात्रा में बढ़ जाए या गाढ़ा हो जाए, तो यह गले में अटकने लगता है और तकलीफ देता है।

ज्यादा बलगम बनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

सामान्य सर्दी: वायरस के संक्रमण से नाक बहने लगती है और गले में बलगम जमने लगता है।

साइनस की सूजन: जब साइनस बंद हो जाते हैं तो बलगम बाहर नहीं निकल पाता और गले में जमा होने लगता है।

एलर्जी रिएक्शन: धूल, धुआं या फूलों के पराग जैसी चीज़ें नाक के अंदर की झिल्ली को उत्तेजित कर देती हैं, जिससे बलगम अधिक बनता है।

अस्थमा और सीओपीडी: इन बीमारियों में बलगम का बनना सामान्य से अधिक हो जाता है।

ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों की अन्य समस्याएं: इनसे लगातार गाढ़ा बलगम बनता रहता है जिससे मरीज को तकलीफ होती है।

बलगम का रंग क्या बताता है?

आपने कभी नोटिस किया होगा कि बलगम का रंग बदलता रहता है। यह रंग आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ कहता है।

साफ़ बलगम: सामान्य और सेहतमंद।

पीला या हरा: संक्रमण की ओर इशारा कर सकता है।

गुलाबी या लाल: रक्त के अंश के कारण, जो अधिक रगड़ या छींकने से हो सकता है।

भूरा या काला: पुराना खून, धूल या धुएं के कारण।

कब डॉक्टर के पास जाएं?

अगर एक हफ्ते से ज्यादा समय तक गले में खराश बनी हुई है, बुखार लगातार है, निगलने में दिक्कत हो रही है या बलगम में खून आ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों में यदि सांस लेने में दिक्कत या अत्यधिक लार आ रही हो तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

गले की खराश और बलगम जैसी समस्याएं छोटी लग सकती हैं लेकिन अगर इन्हें अनदेखा किया जाए तो ये बड़ी तकलीफ का कारण बन सकती हैं। घरेलू उपाय और सही दवाइयों से इन पर नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन लक्षण गंभीर हो तो विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।

१० किडनी समस्या उपाय करतील तुमच्या किडनीचे संरक्षण!

Leave a Comment