भारत जैसे विशाल और विविध देश में सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी, डॉक्टरों की अनुपलब्धता और इलाज की महंगी लागत लोगों को चिकित्सा से दूर रखती थी। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। तकनीक, डिजिटल हेल्थ और रोबोटिक सर्जरी जैसी आधुनिक पहलें न केवल इलाज को किफायती बना रही हैं, बल्कि उसे सुलभ और सुरक्षित भी बना रही हैं।
तकनीक से मिला स्वास्थ्य सेवाओं को नया जीवन
अब सर्जरी सिर्फ ऑपरेशन थिएटर की दीवारों तक सीमित नहीं रही। रोबोटिक सर्जरी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों ने इलाज को ज्यादा सटीक, तेज़ और कम दर्दनाक बना दिया है। विशेष रूप से नी रिप्लेसमेंट सर्जरी में रोबोटिक तकनीक ने एक नया अध्याय शुरू किया है। सर्जरी से पहले मरीज के घुटने का 3D मॉडल तैयार किया जाता है, जिससे डॉक्टर सटीक योजना बना सकते हैं और इम्प्लांट को बेहतर ढंग से फिट कर पाते हैं। इससे सर्जरी के बाद घुटना ज्यादा स्वाभाविक महसूस होता है और मरीज की रिकवरी भी तेज़ होती है।
भारत की प्रगति: आंकड़ों में दिखती उम्मीद
भारत में डिजिटल हेल्थ तेजी से अपनाई जा रही है। फिलिप्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 76% हेल्थ प्रोफेशनल्स डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड्स का उपयोग कर रहे हैं। भारत में AI आधारित हेल्थ तकनीकों का उपयोग 46% तक पहुंच चुका है, जो वैश्विक औसत के बराबर है।
आज भारत में करीब 500 से अधिक रोबोटिक सर्जन काम कर रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि 2025 तक देश की 50% सर्जरी रोबोट की सहायता से की जाएंगी। यह न सिर्फ मरीजों के लिए राहत की बात है, बल्कि देश की चिकित्सा व्यवस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि भी है।
ग्रामीण भारत में भी पहुंच रहा आधुनिक इलाज आज भी भारत की बड़ी आबादी गांवों में रहती है, जहां आधुनिक अस्पताल और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। लेकिन अब टेलीमेडिसिन, रिमोट सर्जरी, और मोबाइल हेल्थ यूनिट्स जैसे उपाय इन दूरदराज़ इलाकों में भी चिकित्सा की रोशनी पहुंचा रहे हैं। मरीज अब शहरों की दौड़ से बचते हुए अपने गांव से ही विशेषज्ञ डॉक्टर से जुड़ सकते हैं और इलाज करा सकते हैं। इससे न केवल यात्रा का खर्च बचता है, बल्कि समय और ऊर्जा की भी बचत होती है।
स्वास्थ्य शिक्षा में तकनीक की भूमिका
सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि चिकित्सा शिक्षा में भी तकनीक ने क्रांति ला दी है। मेडिकल छात्र अब सिमुलेटेड सर्जरी और रोबोटिक तकनीकों की मदद से बेहतर प्रशिक्षण पा रहे हैं। इससे देश में ज्यादा कुशल डॉक्टर तैयार हो रहे हैं, जो भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को और बेहतर बनाएंगे।
सरकार की सकारात्मक पहल: डिजिटल स्वास्थ्य की ओर कदम
भारत सरकार की आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) एक ऐसा कदम है, जो पूरे देश को एक डिजिटल हेल्थ नेटवर्क से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। हर नागरिक को एक यूनिक हेल्थ ID देने की योजना है, जिससे इलाज से जुड़ी सभी जानकारियां डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगी। इससे मरीज को डॉक्टर बदलने पर भी इलाज का पूरा रिकॉर्ड मिल सकेगा, जिससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
आने वाला समय और भी उज्ज्वल
भले ही आज रोबोटिक्स जैसी तकनीक हर अस्पताल में उपलब्ध न हो, लेकिन जिस रफ्तार से यह बदलाव हो रहा है, वह आशाजनक है। जैसे-जैसे तकनीक सस्ती और सुलभ होगी, हर व्यक्ति तक बेहतर इलाज की पहुंच और भी मजबूत होगी।
वैयक्तिकृत पोषण मदतीने मिळवा हे ७ दैनंदिन जीवनातील फायदे!