आज की डिजिटल दुनिया में वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करना लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है। सुबह जल्दी उठकर तैयार होने की झंझट नहीं, ट्रैफिक का कोई टेंशन नहीं और बीच में डॉक्टर की अपॉइंटमेंट या घर के छोटे-मोटे काम भी निपटाना आसान। यह व्यवस्था जीवन और करियर दोनों के बीच बेहतर संतुलन बनाती है और काम के घंटों में भी लचीलापन देती है।
लेकिन जितना सुविधाजनक यह तरीका दिखता है, उतना ही मुश्किल भी बन सकता है, खासतौर पर तब जब काम और निजी जिंदगी के बीच की दीवार धीरे-धीरे गिरने लगे। शुरुआत में यह सब अच्छा लगता है, लेकिन समय के साथ कई लोग महसूस करते हैं कि वे लगातार काम कर रहे हैं चाहे वो सुबह हो, रात हो या वीकेंड। काम से ब्रेक लेना नामुमकिन-सा लगने लगता है और यही धीरे-धीरे बर्नआउट की स्थिति पैदा करता है।
वर्क फ्रॉम होम बर्नआउट आखिर होता क्या है?
वर्क फ्रॉम होम बर्नआउट एक ऐसी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक थकान की स्थिति है, जो तब होती है जब हम बिना रुके लंबे समय तक काम करते रहते हैं। लगातार स्क्रीन के सामने बैठे रहना, हर वक्त मेल चेक करना या दिमाग में सिर्फ काम के बारे में सोचना हमें अंदर तक थका देता है। ऊपर से अगर घर की जिम्मेदारियाँ भी हों जैसे बच्चों की देखभाल, खाना बनाना, साफ-सफाई तो थकान कई गुना बढ़ जाती है।
इस थकावट को और बढ़ा देता है जब परिवार या दोस्त यह मान लेते हैं कि “तुम तो घर से काम कर रहे हो, तुम्हारे पास तो खूब समय है।” इस सोच से व्यक्ति पर और दबाव बढ़ जाता है।
बर्नआउट के लक्षण क्या हैं?
शारीरिक थकावट
हर समय थकान महसूस होना, सिर दर्द, नींद पूरी न होना या शरीर में भारीपन बने रहना इसके शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। छोटी-छोटी गलतियाँ होना भी इस ओर इशारा करता है कि दिमाग थक चुका है।
भावनात्मक असंतुलन
बर्नआउट का शिकार व्यक्ति छोटी बातों पर चिढ़ने लगता है या बेवजह रोने लगता है। उसे अपने साथियों से दूरी महसूस होती है और वह खुद को अकेला महसूस करने लगता है।
मानसिक थकावट
लगातार तनाव में रहने से याददाश्त कमजोर होती है, चिंता बढ़ती है और डिप्रेशन जैसी समस्याएं जन्म ले सकती हैं। इंसान को अपने काम में पहले जैसी रुचि नहीं रहती और वह अंदर से पूरी तरह थका हुआ महसूस करता है।
काम में रुचि की कमी
जो काम पहले दिलचस्प लगता था, अब वो बोझ लगने लगता है। व्यक्ति की रचनात्मकता घट जाती है और नए आइडियाज़ भी पहले जैसे प्रभावशाली नहीं होते।
वर्क फ्रॉम होम बर्नआउट से बचने के आसान तरीके
काम के घंटे तय करें
हर दिन एक तय समय पर काम शुरू करें और समय पर बंद करें। ऑफिस का काम ऑफिस तक सीमित रखें। काम के बाद लैपटॉप या मोबाइल से दूरी बना लें और खुद को रिलैक्स करने का समय दें।
ब्रेक लेना न भूलें
हर दो घंटे में 5-10 मिनट का छोटा ब्रेक लें। टहलना, स्ट्रेचिंग करना या बस आँखें बंद करके थोड़ी देर बैठना भी काफी राहत देता है।
‘नहीं’ कहना सीखें
हर काम खुद करने की आदत आपको थका देगी। अगर आप थके हुए हैं तो साफ-साफ लेकिन विनम्रता से मना करना सीखें।
अपने लोगों से बात करें
जो कुछ आप महसूस कर रहे हैं, उसे अपने करीबी दोस्तों या परिवार से शेयर करें। बातें करना मानसिक बोझ को हल्का करता है।
खुद का ख्याल रखें
योग, ध्यान, संगीत सुनना या कोई हॉबी जो आपको पसंद हो, यह सब आपको ऊर्जा देता है और दिमाग को फिर से तरोताजा करता है।